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Tuesday 23 January 2018

गणतंत्र दिवस परेड

गणतंत्र दिवस परेड



भारत में गणतंत्र दिवस, हर साल एक बड़ी और भव्य गणतंत्र दिवस परेड को नई दिल्ली में राजपथ, इंडिया गेट पर आयोजित करके मनाया जाता है। वार्षिक रुप से 26 जनवरी को राष्ट्रपति द्वारा ध्वजारोहण (झंड़ा फहराने) के बाद गणतंत्र दिवस परेड की जाती है। ये गतिविधि भारतीय गणतंत्र दिवस के उत्सव का प्रमुख आकर्षण होती है जो आमतौर पर बीटिंग रिट्रीट समारोह के होने तक अगले 3 दिनों तक चलती है। ये भारतीय सरकार द्वारा सुरक्षा क्षमता, भारत की सांस्कृतिक और सामाजिक विरासत को पूरी दुनिया के सामाने दिखाने के लिये आयोजित की जाती है।


इस कार्यक्रम के आयोजन से लेकर अन्त तक आयोजन करने वाले और भाग लेने वालों द्वारा बहुत अधिक प्रयास किये जाते हैं। राष्ट्रीय राजधानी के साथ-साथ सभी राज्यों की राजधानी में मिलिट्री परेड आयोजित की जाती है। आर्मी (थल सेना), नेवी (जल सेना), एअर फोर्स (वायु सेना) के प्रतिनिधि और भारत के राज्यों के अनुसार परंपरागत नृत्य समूह गणतंत्र दिवस की परेड में भाग लेते हैं।

गणतंत्र दिवस की परेड क्या है?

गणतंत्र दिवस के उत्सव पर विशेष रुप से आयोजित परेड गणतंत्र दिवस परेड कही जाती है। आमतौर पर, एक परेड मिलिट्री या सार्वजनिक प्रदर्शन होती है जो किसी विशेष दिन या कार्यक्रम पर आयोजित की जाती है। हम ये कह सकते हैं कि ये औपचारिक निरीक्षण या औपचारिक अवसर पर व्यक्तियों का एकत्रित समूह है। ये अर्थपूर्ण ढंग से मार्चिंग या एक रास्ते या स्थान के चारो ओर घूमते हुये किसी चीज को प्रदर्शित करने के लिये आयोजित की जाती है। एक परेड को मार्च या मार्चपास्ट भी कहा जाता है जिसके दौरान एक थीम (विषय) आधारित एक समूह के व्यक्तियों द्वारा अनूठा प्रतिनिधित्व करके प्रदर्शित किया जाता है। आमतौर पर, ये एक मार्ग के आस-पास विशेष पहनावे के साथ मार्चिंग बैंड या फ्लोट्स (बिजली द्वारा संचालित एक छोटा वाहन या गाड़ी) के द्वारा आयोजित किया जाता है। एक परेड विशेष कारणों की श्रृंखला के साथ आयोजित की जाती है हांलाकि, आम तौर पर किसी ईवेंट या त्योहार के उत्सव के दौरान आयोजित होती है। कभी-कभी, लोग विरोध प्रदर्शनों के दौरान परेड प्रदर्शन करते हैं।
राजपथ, इंडिया गेट पर भारत के गणतंत्र दिवस परेड का प्रदर्शन करने के लिए एक उत्कृष्ट व्यवस्था की जाती है। सबसे पहले, भारत के राष्ट्रपति राष्ट्रीय झंड़े को फहराते हैं जिसका अनुकरण राष्ट्रीय गान (जन,गण,मन) को गाकर किया जाता है। 21 तोपों के माध्यम से राष्ट्रीय सलामी दी जाती है। इसके बाद, भारत के राष्ट्रपति द्वारा सम्मान या पुरस्कार (जैसे अशोक चक्र, क्रीर्ति चक्र, आदि) उन लोगों को वितरित किये जाते जो इन्हें प्राप्त करने के पात्र होते हैं। तब राष्ट्रपति के द्वारा बहादुरी पुरस्कार और मेडल या पदक लोगों (शस्त्र फोर्सों और सैनिकों) के बीच उनके साधरण साहस और कठिन परिस्थितियों में वीरता प्रदर्शित करने के लिये वितरित किये जाते हैं। कुछ बच्चे भी (जो राष्ट्रीय वीरता पुरस्कार प्राप्त करते हैं) परेड में भाग लेते हैं जिसके दौरान इन्हें दर्शकों के सामने कुछ रंगीन सजे हुये हाथियों या वाहनो पर बिठाया जाता है।

गणतंत्र दिवस परेड के प्रतिभागी

भारत की गणतंत्र दिवस की परेड दुनिया की सबसे प्रसिद्ध परेडों में से एक है जिसमें 25 से अधिक चलते और घुड़सवार दल वाले, लगभग 20 सैन्य बैंड, विभिन्न सैन्य वाहन, 30 विमान, 30 सांस्कृतिक झाँकी, राज्यों के अनुसार सांस्कृतिक झांकी और 1200 स्कूल के बच्चे शामिल होते हैं।
भारतीय सेना, नेवी, और वायु सेना की विभिन्न रेंजीमेंट्स अपने विविध बैंडो और सरकारी सजावट के साथ परेड में भाग लेती है। भारतीय सशस्त्र बलों के कमांडर-इन-चीफ, भारत के राष्ट्रपति, सलामी लेते हैं। भारत के विभिन्न अर्द्ध-सैन्य बल और अन्य सैन्य बल गणतंत्र दिवस की परेड में बहुत सक्रिय रुप से भाग लेते हैं। पूरी परेड का दृश्य विशेष रुप से ऊंट सवार सीमा सुरक्षा बल दल (पूरी दुनिया में इकलौती ऊंट सवार सैन्य बल) की वजह से बहुत ही आकर्षक और मनोरंजक हो जाता है। गणतंत्र दिवस परेड के अन्य प्रतिभागी एनसीसी कैडेट (विशेष रूप से देश भर से परेड के लिए चयनित) और स्कूल के बच्चे (सभी देश भर के विभिन्न स्कूलों से) होते हैं।
बहुत से बिजली से चलने वाले (जिन्हें फ्लोट्स भी कहा जाता है, जिनकी संख्या 20 से 30 होती है) छोटे वाहन और गाड़ियाँ भारतीय गणतंत्र दिवस में भारत के विभिन्न राज्यों और संयुक्त राज्यों की संस्कृति को प्रदर्शित करने के लिये भाग लेती हैं। केन्द्रीय मंत्रालयों और राज्य के उद्यमों के इस तरह के फ्लोट परेड को एक भव्य रुप देते हैं। भारतीय गणतंत्र दिवस की वार्षिक परेड को पूरे राष्ट्र में टीवी और रेडियों के माध्यम से सीधे प्रसारित किया जाता है। इस परेड में भारतीय सेना और मिलिट्री की शक्ति, सभी भारतीय राज्यों की परंपराओं और संस्कृति, सरकार की विशेष गतिविधियाँ, संगीत, नृत्य और स्कूल के बच्चों द्वारा गाने आदि प्रदर्शित किये जाते हैं।
सैन्य बलों की मोटर साइकिल की इकाई अपने साहस का प्रदर्शन मोटर साइकिल की सवारी करके करती है जिसके बाद आकर्षक फ्लाई-पास्ट (लड़ाकू विमान द्वारा हवाई परेड) सैन्य हवाई जेट्स और हैलीकॉप्टर द्वारा राष्ट्रीय झंड़े को लेकर प्रदर्शित की जाती है। सभी दिखाई जाने वाली परेड विभिन्न धर्मो के लोगो के बीच, उत्सवों और त्योहरों से धनी विरासत और संस्कृति की विविधता में एकता प्रदर्शित करती है। इस वार्षिक परेड में, लगभग 1200 स्कूलों के बच्चे सांस्कृतिक नृत्य और गानों को दिखाने व गाने के लिये भाग लेते हैं। इस महान राष्ट्रीय कार्यक्रम में भाग लेने वाले सभी प्रतिभागी अपना सौभाग्य समझते हैं।
पहली गणतंत्र दिवस की परेड 1950 में प्रदर्शित की गयी थी जब भारत का पहला गणतंत्र दिवस मनाया गया था। भारतीय राष्ट्रपति के पहुँचने के बाद परेड शुरु होती है। परेड से पहले, भारत के प्रधानमंत्री इंडिया गेट पर अमर जवान ज्योति पर पुष्प अर्पित करके भारत के लिये अपने जीवन का बलिदान करने वाले भारतीय जवानों को श्रद्धाजंलि देते हैं। और, भारत के राष्ट्रपति राष्ट्रीय ध्वज को फहराते हैं।

गणतंत्र दिवस परेड मार्ग और समय

भारत के गणतंत्र दिवस की परेड राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में आयोजित की जाती है। ये राजपथ, इंडिया गेट पर प्रदर्शित की जाती है। ये राष्ट्रपति भवन (भारतीय राष्ट्रपति का निवास स्थान) के पास से रायसीना पहाड़ी से शुरु होती है और इंडिया गेट पर समाप्त होती है। परेड से पहले, प्रधानमंत्री के द्वारा अमर ज्योति जवानों को पुष्प अर्पित करके अमर शहीदों (देश को आजाद कराने के लिये स्वतंत्रता संग्राम के दौरान शहीदों) की याद में दो मिनट का मौन रखकर श्रद्धाजंलि दी जाती है साथ ही राष्ट्रीय झंड़े को राष्ट्रपति के द्वारा फहराया जाता है। गणतंत्र दिवस की परेड का मार्ग 5 किलोमीटर से अधिक लम्बा होता है।
आमतौर पर, ये 9:00 ध्वजा रोहण के बाद सुबह 9:30 पर 26 जनवरी को हरेक साल प्रदर्शित की जाती है। गणतंत्र दिवस की परेड का कुल समय लगभग 3 घंटे का होता है। वास्तविक कार्यक्रम 26 जनवरी के कुछ दिन पहले, प्रतिभागी रास्ते पर पूर्वाभ्यास करते हैं। शायद, सामान्यतः दो तीन घंटे के स्थान पर परेड का समय केवल 90 मिनट का भी हो सकता है। सरकार के कार्यक्रम के अनुसार, दलों की मार्च (परेड) की संख्या को एक दूसरे में मिलाकर कम किया जा सकता है।

टिकट कहाँ से प्राप्त करें और गणतंत्र दिवस की परेड में कैसे भाग लें

26 जनवरी के कार्यक्रम पर गणतंत्र दिवस की परेड देखने के लिये, किसी को भी प्रवेश के लिये टिकट की आवश्यकता होती है। उत्सव के लगभग दो हफ्ते पहले से ही टिकटों की बिक्री शुरु हो जाती है। आप हर साल 10 जनवरी से 25 जनवरी तक भारत के गणतंत्र दिवस की टिकट प्राप्त कर सकते हैं। दो प्रकार की टिकट उपलब्ध होती है, एक तो वी.आई.पी. (पहली लाईन पास) और दूसरी सामान्य टिकट। टिकट बेचने के लिये लगभग 9 डिपार्टमेंटल स्टोर और अन्य गैर-विभागीय स्टोर उपलब्ध है। इन टिकटों को नई दिल्ली में निम्नलिखित स्थानों पर प्राप्त किया जा सकता है:
  • भारत पर्यटन विकास निगम (आईटीडीसी) के यात्रा काउंटरों से (अशोक और जनपथ होटल पर) सभी कार्य दिवसों पर।
  • भारतीय पर्यटन कार्यालय, 88 जनपथ के सभी कार्यदिवसों पर (रविवार छुट्टी)।
  • बिक्री विभाग काउंटर (नॉर्थ ब्लॉक गोल चक्कर पर, प्रगति मैदान- गेट नंबर 1, लाल किला- पुलिस चौकी के पास, साउथ ब्लॉक गोल चक्कर, शास्त्री भवन- गेट नंबर 1, जंतर मंतर- मुख्य गेट, इंडिया गेट- जामनगर हाउस के पास) पर हर रोज सुबह 10 बजे से शाम 5:30 तक।
  • 2016 में, अतिरिक्त दो घंटों के लिये (सुबह 10 बजे से शाम 7:30 तक) 23 जनवरी से 25 जनवरी तक टिकट काउंटर (जंतर मंतर, शास्त्री भवन, साउथ ब्लॉक गोल चक्कर, और इंडिया गेट पर) खोले जायेगें।
  • दिल्ली पर्यटन विकास निगम (डीटीसी) काउंटरों पर (कॉफी होम, खाद्य एवं क्राफ्ट बाजार, बाबा खड़क सिंह मार्ग, दिल्ली हाट, आईएनए मार्केट के सामने और श्री गांधी आश्रम, चांदनी चौक पर) सभी कार्य दिवसों पर।
  • संसद भवन के रिशेप्सन कार्यालय पर सभी पांच कार्यकारी दिवसों पर (शनिवार, रविवार छुट्टी)। टिकट 19 जनवरी से 28 जनवरी 2016 को उपलब्ध होंगी।
बहुत शान्ति और आसानी से गणतंत्र दिवस की परेड में शामिल होने के लिये, हरेक को वहाँ के सुरक्षा दलों द्वारा बनाये गये सभी नियमों और कानूनों को मानना चाहिये। आपको अपना मोबाइल फोन, कैमरा, लैपटॉप, डिजिटल डायरी, ट्रांजिस्टर, कारों की रिमोर्ट वाली चाभी या अन्य कोई विद्युत यंत्र कुछ सुरक्षा कारणो से ले जाने की अनुमति नहीं है। आपको अपने सभी विद्युत यंत्रों को घर या वहाँ उपस्थित सुरक्षा जाँच केन्द्र पर रख देने चाहिये। अपने स्वंय के वाहनों पर पार्किंग स्टीकर प्रदर्शित करना आवश्यक है अन्यथा उन्हें उच्च सुरक्षा वाले क्षेत्रों में प्रवेश करने से प्रतिबंधित कर दिया जायेगा। परेड शुरु होने के बाद, प्रवेश निषेध कर दिया जाता है और कोई भी कार्यक्रम स्थल पर प्रवेश नहीं कर सकता। पानी की बोतलें, पेय पदार्थ या अन्य खाने योग्य चीजें ले कर जाने की अनुमति नहीं है। कार्यक्रम स्थल पर जाते समय आपके पास टिकट है या नहीं ये सुनिश्चित करना बहुत आवश्यक है।

2016 के गणतंत्र दिवस परेड टिकट की कीमत

दोंनो तरह से ऑनलाइन और ऑफलाइन टिकट खरीदने की सुविधा है। दिल्ली से बाहर के लोग टिकट खरीदने के लिये ऑनलाइन आवेदन कर सकते है। किसी को भी गणतंत्र दिवस की परेड की टिकट प्राप्त करने के लिये अपना वैध पहचानपत्र दिखाने की आवश्यकता होती है। टिकट खरीदने के दौरान धोखाधड़ी की गतिविधियों को रोकने के लिये (विशेष रुप से 2016 में), भारत की सरकार ने ऑफलाइन टिकट पाने के लिये सरकारी फोटो पहचान पत्र को आवश्यक बना दिया है। जबकि, ऑनलाइन टिकट प्राप्त करने के लिए, किसी भी पात्र को ई-कार्ड का आईडी नंबर को भरने की जरूरत है (जैसे पासपोर्ट, डीएल, पैन कार्ड, वोटर आईडी कार्ड, आधार कार्ड, और छात्र- आईडी कार्ड के रूप में)। 2016 की गणतंत्र दिवस की परेड की टिकट का मूल्य इस प्रकार है:
  • भारतीय नागरिकों के लिये ऑनलाइन टिकट: 350 रुपये।
  • भारतीय नागरिकों के लिये ऑफलाइन टिकट: 300 रुपये।
  • छात्रों के लिये ऑनलाइन और ऑफलाइन टिकट: 50 रुपये।
  • उपयुक्त पात्रों के लिए अनारक्षित टिकट: 150 रुपये।
  • छात्रों के लिए अनारक्षित टिकट: 10 रुपये।
  • अनारक्षित बीटिंग रिट्रीट समारोह में सीटों के लिए टिकट: 50 रुपए और 20 रुपए।

गणतंत्र दिवस परेड 2016 के मुख्य अतिथि

भारत, 1950 से, अपने गणतंत्र दिवस पर हर साल एक मुख्य अतिथि आमंत्रित करता है। वो मुख्य अतिथि किसी भी देश का राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, या राजा हो सकता है। राष्ट्रपति, बराक ओबामा, अमेरिका के पहले राष्ट्रपति थे जिन्होंने भारतीय गणतंत्र दिवस 2015 के कार्यक्रम के मुख्य अतिथि के रुप में उपस्थित हुये थे। इस साल फ्रांस के राष्ट्रपति को मुख्य अतिथि के रुप में आमंत्रित किया गया है क्योंकि फ्रांस आतंकवाद-विरोधी सहयोग को बढ़ाने के लिए रक्षा और परमाणु मुद्दों के लिए भारत के साथ एक महत्वपूर्ण रणनीतिक भागीदार रहा है।

गणतंत्र दिवस परेड के लिए तैयारी

गणतंत्र दिवस परेड रक्षा मंत्रालय द्वारा आयोजित किया जाती है। राष्ट्रीय समारोहों का आयोजन (जैसे गणतंत्र दिवस परेड, बीटिंग रिट्रीट समारोह, गणतंत्र दिवस समारोह का ध्वजा रोहण, शहीद दिवस आदि) रक्षा मंत्रालय की प्राथमिक जिम्मेदारी है। गणतंत्र दिवस परेड के प्रतिभागियों को अंतिम उत्सव की तैयारी के लिए राजपथ पर रिहर्सल करने के लिए इंडिया गेट पर आना पड़ता है। भारतीय सैनिक नई दिल्ली में आगामी गणतंत्र दिवस परेड के लिए सुबह जल्दी अभ्यास शुरू करते हैं।
बैठने की व्यवस्था और अन्य तैयारियाँ कम से कम दो हफ्ते पहले शुरु हो जाती है। 26 जनवरी को सुरक्षा कारणों से इंडिया गेट पर जनता का प्रवेश निषेध कर दिया जाता है और सुरक्षा प्रबंधों को कड़ा कर दिया जाता है। इस कार्यक्रम पर आतंकी घटनाओं को रोकने के लिये कुछ हफ्ते पहले से ही सभी राष्ट्रीय राजधानियों में पुलिस के माध्यम से कानूनी जाँच शुरु हो जाती है क्योंकि ये कार्यक्रम एक बहुत बड़ी भीड़ को अपनी ओर आकर्षित करता है।

गणतंत्र दिवस परेड का महत्व

एक भव्य गणतंत्र दिवस परेड में इस अवसर के महत्व को चिह्नित करने के लिए 26 जनवरी को आयोजित की जाती है। ये विशेषरुप से राष्ट्रीय राजधानी, दिल्ली में अमर जवान ज्योति के सामने स्वतंत्रता संग्राम और युद्ध के दौरान अपने राष्ट्र के बचाने के लिये शहीद हुये भारतीय सैनिकों को उनके बलिदान के सम्मान में श्रद्धाजंलि देकर आयोजित किया जाता है। ये रायसीना राष्ट्रपति भवन से राजपथ पर शुरु होकर और इंडिया गेट पर समाप्त होती है। ये परेड बहुत महत्वपूर्ण है क्योंकि ये भारतीय सेना के सशस्त्र बल की शक्ति (टैंक, मिसाइल, रडार, आदि के प्रदर्शन के द्वारा), विभिन्न भारतीय राज्यों की संस्कृति और परंपरा और स्कूलों के बच्चों की कलात्मकता का प्रतिनिधित्व करती है। आमंत्रित मुख्य अतिथि (दूसरे देश से) और भारत के राष्ट्रपति गणतंत्र दिवस की परेड के बहुत महत्वपूर्ण अतिथि होते हैं। परेड की शुरुआत से पहले अमर जवान ज्योति पर पुष्प अर्पित करके श्रद्धांजलि, ध्वजा रोहण, 21 तोपों की सलामी और राष्ट्रीय गान का कार्यक्रम किया जाता है। भारत के राष्ट्रपति (भारतीय सशस्त्र बलों के कमांडर-इन-चीफ) इस भव्य परेड की सलामी लेते हैं। ये भारतीय युवकों का साहस देता है और उन्हें एक भारतीय नागरिक होने पर गर्व महसूस कराता है।

भारत के अन्य शहरों में गणतंत्र दिवस परेड

राष्ट्रीय राजधानी के अलावा, पूरे भारत में ऐसे और भी शहर है जहाँ गणतंत्र दिवस की परेड का आयोजन किया जाता है:
  • मुम्बई में मरीन ड्राइव पर गणतंत्र दिवस की भव्य परेड (2014 में) और 2015 में मुम्बई के शिवाजी पार्क में आयोजित की जाती है।
  • एक परेड और सांस्कृतिक मेले फील्ड मार्शल मानेकशॉ परेड ग्राउंड में 26 जनवरी को बेंगलूर में आयोजित की जाती है।
  • कोलकाता में, ये मैदान के पास लाल रोड पर आयोजित की जाती है।
  • चेन्नई में, इसे आयोजित करने के सबसे आम स्थान कामराज सालाई और मरीन बीच है।
2015 की गणतंत्र दिवस की परेड में क्या नया था
2015 की गणतंत्र दिवस की परेड पर होने वाली नयी गतिविधियाँ निम्नलिखित थी:
  • अमेरिका के राष्ट्रपति, बराक ओबामा पहले मुख्य अतिथि थे। वो कार्यक्रम स्थल पर अपनी स्वंय की अत्यधिक सुरक्षित बम प्रूफ गाड़ी (राष्ट्रपति के लिये बख्तरबंद लिमोसिन गाड़ी) में पहुँचे।
  • मंच पर जहाँ बराक ओबामा, उनकी पत्नी, भारत के राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति और प्रधानमंत्री बैठे थे वहाँ एक विशेष काँच से बने घेरे की व्यवस्था थी।
  • ये पहली बार था जब महिलाओं की टुकड़ी ने (तीनों सेवाओं में) परेड में “महिला सशक्तिकरण” की थीम पर भाग लिया था।
  • गणतंत्र दिवस की परेड, 2015, में तेलांगना राज्य (भारत में 29 वें राज्य के रुप में जून 2104 में अस्तित्व में आया) की पहली शुरुआत थी जिसने अपने प्रसिद्ध त्योहार ‘बोनालु’ की झांकी प्रदर्शित की थी।
  • इस वर्ष की परेड का मुख्य आकर्षण लंबी दूरी के समुद्री निगरानी और पनडुब्बी रोधी पी-8I विमान और उन्नत मिग -29 लड़ाकू विमान थे जिनका पहली बार प्रदर्शन किया गया।
  • ये अभूतपूर्व जमीन से हवा में सुरक्षा ड्रिल के साथ राजपथ के 400 किमी. के दायरे को नो-फ्लाई ज़ोन घोषित किया गया था।

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